मै उतना बुरा तो नहीं हुं,
जितना सबको लगने लगा हुं।
मै जो खुल कर जिने लगा हुं,
सब के नजरों में चुभने लगा हुं।
मैं वैसा तो नहीं जैसा सब को लगने लगा हुं,
मै भिड़ में भी अकेला महसूस करने लगा हुं।
मैं अपनो को भी पराया लगने लगा हुं,
मैं अपनों को आवश्यकता अनुसार उपयोग का मशीन लगाने लगा हूं।
Written & Prafomed
✍️ Ankit Sharma
I'm not that bad
As much as everyone felt.
What I have started living openly,
I started stinging in everyone's eyes.
I am not what everyone seems to be,
I started feeling lonely even in the crowd.
I am starting to feel alien to myself too.
I have started installing machines of my own use as per the requirement.
Written & Prafomed
✍️ Ankit Sharma
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